Home/Blog/Page 10
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
फलक केंद्रित एक कोशिका किसे कहते हैं परिभाषा दीजिए?
वह एकक कोष्ठिका जिसमें कोनों पर उपस्थित कणों के साथ ही प्रत्येक फलक के केंद्र पर भी एक-एक अवयवी कण उपस्थित होते हैं। फलक केंद्रित कोष्ठिका कहलाती है।
वह एकक कोष्ठिका जिसमें कोनों पर उपस्थित कणों के साथ ही प्रत्येक फलक के केंद्र पर भी एक-एक अवयवी कण उपस्थित होते हैं। फलक केंद्रित कोष्ठिका कहलाती है।
See lessअंत्य केंद्रित एक कोशिका किसे कहते हैं परिभाषा दीजिए?
वह एकक कोष्ठिका जिसमें कोनों पर उपस्थित कणों के साथ ही किन्ही दो विपरीत फलकों के केंद्र पर भी उपस्थित होते हैं। अंत्य केंद्रित कोष्ठिका कहलाती है।
वह एकक कोष्ठिका जिसमें कोनों पर उपस्थित कणों के साथ ही किन्ही दो विपरीत फलकों के केंद्र पर भी उपस्थित होते हैं। अंत्य केंद्रित कोष्ठिका कहलाती है।
See lessचतुष्कफलकीय रिक्ति क्या है इसकी परिभाषा दीजिए?
चार स्पर्शी गोलों के मध्य स्थित रिक्ति को चतुष्कफलकीय रिक्ति कहते हैं। एक संवृत संकुलित संरचना में चतुष्कफलकीय रिक्ति की संख्या घटक कणों की संख्या की दो गुनी होती है। क्योंकि प्रत्येक रिक्ति चार कणों की बनी होती है और प्रत्येक कण के चारों ओर आठ रिक्तियां होती हैं। एक चतुष्कफलकीय रिक्ति की त्रिज्या,Read more
चार स्पर्शी गोलों के मध्य स्थित रिक्ति को चतुष्कफलकीय रिक्ति कहते हैं। एक संवृत संकुलित संरचना में चतुष्कफलकीय रिक्ति की संख्या घटक कणों की संख्या की दो गुनी होती है। क्योंकि प्रत्येक रिक्ति चार कणों की बनी होती है और प्रत्येक कण के चारों ओर आठ रिक्तियां होती हैं।
See lessएक चतुष्कफलकीय रिक्ति की त्रिज्या, घटक कण का त्रिज्या का 0.225 गुना होती है। अर्थात्
r = 0.225R
धात्विक ठोस का उदाहरण क्या है?
एल्यूमिनियम (Al), आयरन (Fe), तांबा (Cu), सोना (Au), चांदी (Ag) एवं मिश्रधातु पीतल, कांसा आदि धात्विक ठोस के उदाहरण हैं।
एल्यूमिनियम (Al), आयरन (Fe), तांबा (Cu), सोना (Au), चांदी (Ag) एवं मिश्रधातु पीतल, कांसा आदि धात्विक ठोस के उदाहरण हैं।
See lessठोस पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं?
ठोस पदार्थों को मुख्य दो वर्गों में विभाजित किया गया है। क्रिस्टलीय ठोस तथा अक्रिस्टलीय ठोस।
ठोस पदार्थों को मुख्य दो वर्गों में विभाजित किया गया है। क्रिस्टलीय ठोस तथा अक्रिस्टलीय ठोस।
See lessक्रिस्टलीय ठोस क्या है समझाइए?
क्रिस्टलीय ठोस दीर्घ परासी व्यवस्था वाले ठोस होते हैं। क्रिस्टलीय ठोस का गलनांक तीक्ष्ण होता है। अधिकांश ठोस पदार्थ क्रिस्टलीय प्रकृति के होते हैं। उदाहरण - लोहा, तांबा, चांदी, सल्फर, आयोडीन, सोडियम क्लोराइड आदि क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ हैं।
क्रिस्टलीय ठोस दीर्घ परासी व्यवस्था वाले ठोस होते हैं। क्रिस्टलीय ठोस का गलनांक तीक्ष्ण होता है। अधिकांश ठोस पदार्थ क्रिस्टलीय प्रकृति के होते हैं। उदाहरण – लोहा, तांबा, चांदी, सल्फर, आयोडीन, सोडियम क्लोराइड आदि क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ हैं।
See lessक्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर बताइए?
क्रिस्टलीय ठोस का गलनांक निश्चित होता है जबकि अक्रिस्टलीय ठोस का गलनांक निश्चित नहीं होता है। क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ के घटक इकाइयों की दीर्घ परासी व्यवस्था होती है। जबकि और अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ के घटक इकाइयों की लघु परास व्यवस्था होती है। साधारण नमक, सुक्रोज, डायमंड, सिल्वर आयोडाइड आदि क्रिस्टलीय ठRead more
- क्रिस्टलीय ठोस का गलनांक निश्चित होता है जबकि अक्रिस्टलीय ठोस का गलनांक निश्चित नहीं होता है।
- क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ के घटक इकाइयों की दीर्घ परासी व्यवस्था होती है। जबकि और अक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ के घटक इकाइयों की लघु परास व्यवस्था होती है।
- साधारण नमक, सुक्रोज, डायमंड, सिल्वर आयोडाइड आदि क्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण हैं। जबकि कांच, मोम, रबर, स्टार्च, प्लास्टिक आदि अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण हैं।
See lessअक्रिस्टलीय ठोस किसे कहते हैं उदाहरण द्वारा समझाइए?
वह ठोस पदार्थ जिनका कोई निश्चित ज्यामितीय स्वरूप नहीं होता है। एवं संरचनात्मक इकाइयों की व्यवस्था लघु परासी होती है। इस प्रकार के पदार्थों को अक्रिस्टलीय ठोस कहते हैं। रबर, प्लास्टिक, कांच, मोम आदि अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण हैं।
वह ठोस पदार्थ जिनका कोई निश्चित ज्यामितीय स्वरूप नहीं होता है। एवं संरचनात्मक इकाइयों की व्यवस्था लघु परासी होती है। इस प्रकार के पदार्थों को अक्रिस्टलीय ठोस कहते हैं। रबर, प्लास्टिक, कांच, मोम आदि अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण हैं।
See lessक्रिस्टलीय ठोस पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं?
अवयवों कणों के आधार पर क्रिस्टलीय ठोस को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है। 1. आयनिक ठोस 2. सहसंयोजक ठोस 3. आण्विक ठोस 4. धात्विक ठोस
अवयवों कणों के आधार पर क्रिस्टलीय ठोस को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है।
See less1. आयनिक ठोस
2. सहसंयोजक ठोस
3. आण्विक ठोस
4. धात्विक ठोस
आयनिक ठोस का उदाहरण कौन सा है?
आयनिक ठोस के अवयवी कण आयन होते हैं। यह ठोस कठोर और भंगुर प्रकृति के होते हैं इनके गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं। NaCl, KHO3, CaO आदि आयनिक ठोस के उदाहरण हैं।
आयनिक ठोस के अवयवी कण आयन होते हैं। यह ठोस कठोर और भंगुर प्रकृति के होते हैं इनके गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं। NaCl, KHO3, CaO आदि आयनिक ठोस के उदाहरण हैं।
See lessअक्रिस्टलीय ठोस का दूसरा नाम क्या है?
अक्रिस्टलीय ठोस को प्रायः अतिशीतलित द्रव (super cooled liquids) भी कहा जाता है। क्योंकि इनमें संरचनात्मक इकाई की व्यवस्था द्रव के समान मिलती है।
अक्रिस्टलीय ठोस को प्रायः अतिशीतलित द्रव (super cooled liquids) भी कहा जाता है। क्योंकि इनमें संरचनात्मक इकाई की व्यवस्था द्रव के समान मिलती है।
See lessसहसंयोजक ठोस से क्या तात्पर्य है?
अधात्विक क्रिस्टलीय ठोसों में निकटवर्ती परमाणुओं के मध्य प्रबल तथा दिशात्मक सहसंयोजक बन्ध होते हैं। तब इन्हें सहसंयोजक ठोस कहते हैं। इन्हें नेटवर्क ठोस भी कहा जाता है। सहसंयोजक ठोस के गलनांक अत्यंत उच्च होते हैं यह अति कठोर और भंगुर होते हैं।
अधात्विक क्रिस्टलीय ठोसों में निकटवर्ती परमाणुओं के मध्य प्रबल तथा दिशात्मक सहसंयोजक बन्ध होते हैं। तब इन्हें सहसंयोजक ठोस कहते हैं। इन्हें नेटवर्क ठोस भी कहा जाता है। सहसंयोजक ठोस के गलनांक अत्यंत उच्च होते हैं यह अति कठोर और भंगुर होते हैं।
See lessसहसंयोजक ठोस का उदाहरण क्या है?
हीरा, SiO2 (क्वार्ट्ज), कार्बाइड, ग्रेफाइट आदि सहसंयोजक ठोस के उदाहरण हैं।
हीरा, SiO2 (क्वार्ट्ज), कार्बाइड, ग्रेफाइट आदि सहसंयोजक ठोस के उदाहरण हैं।
See lessधात्विक ठोस किसे कहते हैं?
धात्विक ठोस विद्युत के सुचालक, आघातवर्धनीय और तन्य होते हैं। धातुओं में विद्युत चालकता, चमक, रंग आदि गुण उनमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होते हैं। यह इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हैं और क्रिस्टल में सर्वत्र समरूप से विस्तारित होते हैं।
धात्विक ठोस विद्युत के सुचालक, आघातवर्धनीय और तन्य होते हैं। धातुओं में विद्युत चालकता, चमक, रंग आदि गुण उनमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होते हैं। यह इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हैं और क्रिस्टल में सर्वत्र समरूप से विस्तारित होते हैं।
See lessविद्युत विभव को परिभाषित करें एवं इसकी विमा लिखें?
किसी एकांक धन आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के भीतर किसी बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उसे बिंदु पर विद्युत विभव कहते हैं। इसे V से प्रदर्शित किया जाता है। विद्युत विभव का विमीय सूत्र [ML2T-3A-1] होता है यह एक अदिश राशि है।
किसी एकांक धन आवेश को अनंत से विद्युत क्षेत्र के भीतर किसी बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उसे बिंदु पर विद्युत विभव कहते हैं। इसे V से प्रदर्शित किया जाता है।
See lessविद्युत विभव का विमीय सूत्र [ML2T-3A-1] होता है यह एक अदिश राशि है।