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विद्युत क्षेत्र के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत बताइए?
किसी निकाय में, किसी एक आवेश पर लगने वाला बल, अन्य आवेशों पर लगे उन सभी बलों के सदिश योग के बराबर होता है। इसे अध्यारोपण का सिद्धांत कहते हैं। माना किसी निकाय पर q₁, q₂, q₃ ......1n आवेश उपस्थित हैं। यदि इन आवेशों में से q₁ आवेश पर विद्युत बल ज्ञात करना हो तो
किसी निकाय में, किसी एक आवेश पर लगने वाला बल, अन्य आवेशों पर लगे उन सभी बलों के सदिश योग के बराबर होता है। इसे अध्यारोपण का सिद्धांत कहते हैं।
See lessमाना किसी निकाय पर q₁, q₂, q₃ ……1n आवेश उपस्थित हैं। यदि इन आवेशों में से q₁ आवेश पर विद्युत बल ज्ञात करना हो तो
एक कूलाम आवेश में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
सूत्र q = ne से जहां q आवेश, e इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 × 10¯¹⁹ C तथा n इलेक्ट्रॉनों की संख्या है। तब n = q/e n = 1/1.6 × 10¯¹⁹ n = 6.25 × 10¹⁸ अतः एक कूलाम आवेश में 6.25 × 10¹⁸ इलेक्ट्रॉन होते हैं।
सूत्र q = ne से
See lessजहां q आवेश, e इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 × 10¯¹⁹ C तथा n इलेक्ट्रॉनों की संख्या है। तब
n = q/e
n = 1/1.6 × 10¯¹⁹
n = 6.25 × 10¹⁸
अतः एक कूलाम आवेश में 6.25 × 10¹⁸ इलेक्ट्रॉन होते हैं।
निर्वात की विद्युतशीलता का मान कितना होता है?
निर्वात की विद्युतशीलता को ɛ₀ से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 8.85 × 10¯¹² कूलाम²/न्यूटन-मीटर² होता है।
निर्वात की विद्युतशीलता को ɛ₀ से प्रदर्शित करते हैं। इसका मान 8.85 × 10¯¹² कूलाम²/न्यूटन-मीटर² होता है।
See lessएक माइक्रो कूलाम आवेश में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
1 माइक्रो कूलाम, 1 कूलाम आवेश का दस लाखवां भाग होता है। इसे μC से निरूपित किया जाता है। अर्थात 1 कूलाम = 10¯⁶ μC
1 माइक्रो कूलाम, 1 कूलाम आवेश का दस लाखवां भाग होता है। इसे μC से निरूपित किया जाता है। अर्थात
See less1 कूलाम = 10¯⁶ μC
निर्वात की विद्युतशीलता का मात्रक क्या है?
निर्वात की विद्युतशीलता का एस आई मात्रक कूलाम²/न्यूटन-मीटर² होता है।
निर्वात की विद्युतशीलता का एस आई मात्रक कूलाम²/न्यूटन-मीटर² होता है।
See lessविद्युत बल रेखाएं एक दूसरे को क्यों नहीं काटती हैं?
दो विद्युत बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को काटती नहीं करती है। क्योंकि अगर दो रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं तब कटान बिंदु पर दो स्पर्श रेखाएं खींची जा सकती हैं। जो उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं प्रदर्शित करेंगी जो कि लगभग असंभव है।
दो विद्युत बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को काटती नहीं करती है। क्योंकि अगर दो रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं तब कटान बिंदु पर दो स्पर्श रेखाएं खींची जा सकती हैं। जो उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं प्रदर्शित करेंगी जो कि लगभग असंभव है।
See lessएक कूलाम आवेश को परिभाषित कीजिए?
एक कूलाम आवेश वह मात्रा है जो 1 एंपियर की धारा को 1 सेकेंड तक प्रवाहित करने पर प्राप्त होता है। q = it या 1 कूलाम = 1 एंपियर × 1 सेकेंड कूलाम विद्युत आवेश का एस.आई. मात्रक है। इसे C से प्रदर्शित किया जाता है।
एक कूलाम आवेश वह मात्रा है जो 1 एंपियर की धारा को 1 सेकेंड तक प्रवाहित करने पर प्राप्त होता है।
See lessq = it
या 1 कूलाम = 1 एंपियर × 1 सेकेंड
कूलाम विद्युत आवेश का एस.आई. मात्रक है। इसे C से प्रदर्शित किया जाता है।
कूलाम के नियम का महत्व क्या है?
कूलाम का नियम अत्यधिक बड़ी दूर से लेकर अत्यधिक छोटी दूरी जैसे परमाणवीय दूरी तथा नाभिकीय दूरी तक के लिए सत्य है। इस नियम से आवेशित वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले बलों का ज्ञान तो होता ही है बल्कि उन बलों की व्याख्या करने में भी सहायता मिलती है जिनके कारण किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के साथ बंRead more
कूलाम का नियम अत्यधिक बड़ी दूर से लेकर अत्यधिक छोटी दूरी जैसे परमाणवीय दूरी तथा नाभिकीय दूरी तक के लिए सत्य है। इस नियम से आवेशित वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले बलों का ज्ञान तो होता ही है बल्कि उन बलों की व्याख्या करने में भी सहायता मिलती है जिनके कारण किसी परमाणु के इलेक्ट्रॉन उसके नाभिक के साथ बंधकर परमाणु की रचना करते हैं।
See lessविद्युत द्विध्रुव आर्घूण क्या है इसका मात्रक क्या होता है?
विद्युत द्विध्रुव के किसी एक आवेश के परिमाण तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक कूलाम-मीटर होता है।
विद्युत द्विध्रुव के किसी एक आवेश के परिमाण तथा दोनों आवेशों के बीच की दूरी के गुणनफल को विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं। विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक कूलाम-मीटर होता है।
See lessयदि धातु के किसी तार की लंबाई खींचकर दोगुनी कर दी जाती है। तब तार का नया प्रतिरोध कितने गुना हो जाएगा?
तार का नया प्रतिरोध भी दोगुना हो जाएगा। क्योंकि प्रतिरोध, लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है। जबकि क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
तार का नया प्रतिरोध भी दोगुना हो जाएगा। क्योंकि प्रतिरोध, लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है। जबकि क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
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